राहुल गांधी मां सोनिया की सीट रायबरेली से चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस ने उनके नाम का ऐलान कर दिया है। प्रियंका गांधी चुनाव नहीं लड़ेंगी। वहीं, अमेठी से किशोरी लाल शर्मा को उतारा है। किशोरी लाल सोनिया गांधी के भरोसेमंद माने जाते हैं। भाजपा ने रायबरेली से योगी सरकार में मंत्री दिनेश प्रताप सिंह को टिकट दिया है, जबकि अमेठी से स्मृति ईरानी लड़ रही हैं। पहले कांग्रेस नेताओं ने राहुल के अमेठी और प्रियंका के रायबरेली से लड़ने की बात कही थी। हालांकि, प्रियंका चुनाव लड़ने के लिए तैयार नहीं हुईं। रायबरेली-अमेठी सीट पर नामांकन की आखिरी आज ही है। आज दोपहर राहुल नामांकन करने पहुंचेंगे। उनके साथ प्रियंका भी मौजूद रहेंगी। अमेठी में राहुल को हो सकती थी मुश्किल
स्मृति ईरानी को भाजपा ने 2 महीने पहले ही अमेठी से मैदान में उतार दिया था। स्मृति वहां लगातार चुनाव प्रचार कर रहीं हैं, जबकि राहुल अभी तक एक बार भी अमेठी नहीं गए हैं। ऐसे में कांग्रेस को इस बात का भी डर था कि अमेठी से राहुल को जीतने में मुश्किल हो सकती है। उधर, रायबरेली में सीन अलग है। 2019 की मोदी लहर में भी रायबरेली से सोनिया गांधी ने जीत दर्ज की थी। रायबरेली में 20 बार चुनाव हुए हैं। इसमें 17 बार कांग्रेस ने जीत हासिल की। राजनीतिक एक्सपर्ट बताते हैं कि अमेठी की तुलना में राहुल के लिए रायबरेली से जीतना आसान है। इसलिए, कांग्रेस ने उन्हें रायबरेली से उतारा है। प्रियंका चुनाव मैदान में क्यों नहीं उतरीं
राजनीतिक एक्सपर्ट बताते हैं कि प्रियंका अभी सीधे राजनीति में नहीं उतरना चाहती। वह राहुल गांधी को सपोर्ट करना चाहती हैं। प्रियंका ने कहा भी था कि सभी का चुनाव लड़ना ठीक नहीं है। वहीं, उनके पति रॉबर्ट वाड्रा भी चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर कर चुके थे। परिवारवाद पर भाजपा के आरोप के बीच प्रियंका ने चुनाव न लड़ने का निर्णय लिया। उपचुनाव में प्रियंका मैदान में उतर सकती हैं
राहुल गांधी केरल की वायनाड सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। अगर वे वायनाड और रायबरेली दोनों जगह से चुनाव जीतते हैं, तो एक सीट से उनको इस्तीफा देना होगा। राजनीतिक एक्सपर्ट का यह भी मानना है कि राहुल वायनाड या रायबरेली की एक सीट छोड़ देंगे। इसके बाद वहां से प्रियंका मैदान में उतर सकती हैं।

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