बेंगलुरु में अमित शाह और कुंडा के विधायक रघुराज प्रताप सिंह ‘राजा भैया’ की मुलाकात हुई। दोनों नेताओं ने बंद कमरे में करीब 1 घंटे तक बातचीत की। इस मुलाकात को यूपी में भाजपा से ठाकुर वोटर्स की नाराजगी को जोड़कर भी देखा जा रहा है। दैनिक भास्कर ने राजा भैया से बात कर मुलाकात के बारे में पूछा। राजा भैया ने बताया कि गृहमंत्री ने दोस्ती का हाथ बढ़ाया। उन्होंने अमित शाह से कहा कि मैं मित्रता का धर्म पिछले कई साल से बिना किसी शर्त के निभा रहा हूं। जितना हो सका, मैंने भाजपा की मदद की। राजा भैया के अनुसार, अमित शाह ने उनसे कहा कि ये रिश्ता आगे कायम रहेगा और मजबूती से आगे बढ़ेगा। राजा भैया ने बताया- गृह मंत्री से कई राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा हुई। प्रदेश की सियासत को लेकर कई बिंदुओं पर विस्तार से बातचीत हुई। पिछले हफ्ते लखनऊ में होनी थी मुलाकात
अमित शाह पिछले हफ्ते लखनऊ आए थे। उसी समय इस मुलाकात की स्क्रिप्ट लिखी गई थी। लेकिन, उस समय राजा भैया लखनऊ से बाहर थे। इस वजह से मुलाकात नहीं हो पाई। शनिवार शाम दोनों नेताओं की बेंगलुरु में मुलाकात हुई। यूपी भाजपा के एक नेता ने इस मुलाकात की पहल की। भाजपा से नाराजगी की चर्चा थी
राजा भैया ने राज्यसभा चुनाव में खुलकर भाजपा की मदद की थी। उन्होंने अपना और अपने एक सहयोगी विधायक का वोट भाजपा प्रत्याशी संजय सेठ को दिया था। इस चुनाव में सपा के कई विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी। इसके पीछे भी राजा भैया की भूमिका बताई जा रही थी। क्योंकि भाजपा को वोट करने वाले दोनों विधायक राजा भैया के करीबी थे। इसके बाद कयास लगाए गए कि कौशांबी और प्रतापगढ़ सीट पर भाजपा और राजा भैया के बीच समझौता होगा। लेकिन भाजपा ने दोनों सीटों पर पुराने प्रत्याशियों को उतार दिया। इसके बाद कहा जाने लगा कि राजा भैया और भाजपा नेतृत्व के बीच तल्खियां बढ़ गई हैं। राजा भैया ने इसको लेकर कोई बयान नहीं दिया था। राजा भैया BJP के मददगार
राजा भैया 1993 से लगातार विधायक हैं। पिछले कई चुनावों से वह भाजपा की मदद करते आ रहे हैं। उनकी पार्टी जनसत्ता दल के 2 विधायक हैं। चचेरे भाई अक्षय प्रताप प्रतापगढ़ सीट से MLC हैं। उन्होंने कई विधानसभा, राष्ट्रपति, राज्यसभा और विधान परिषद चुनाव में भाजपा की मदद की। राजा भैया के भाई ने जताई थी नाराजगी
पिछले कुछ दिनों से ऐसी चर्चा है कि भाजपा से ठाकुर मतदाता नाराज हैं। करणी सेना के अध्यक्ष राज शेखावत की गुजरात में गिरफ्तारी के बाद ठाकुर संगठन नाराज हो गए थे। राज शेखावत केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला के ठाकुर समाज पर की गई अभद्र टिप्पणी का विरोध करने गुजरात पहुंचे थे, जहां उन्हें हिरासत में लिया गया। इसको लेकर देश में कई ठाकुर संगठनों ने भाजपा का विरोध किया था। MLC अक्षय प्रताप सिंह ने भी भास्कर से बातचीत में अपने समाज के साथ खड़े रहने की बात कही थी। उन्होंने कहा था- भाजपा ठाकुर समाज का अपमान कर रही है। वह अपने समाज के साथ हर लड़ाई में खड़े रहेंगे। राजा भैया की अलग है राजनीतिक पहचान
यूपी की राजनीति में राजा भैया दो विधायकों वाली जनसत्ता पार्टी के अध्यक्ष हैं। पूर्वांचल से लेकर पश्चिमी यूपी तक ठाकुर वोट-बैंक पर राजा भैया की मजबूत पकड़ है। इस बार लोकसभा चुनाव में राजा भैया की पार्टी ने प्रतापगढ़ सीट से प्रत्याशी नहीं उतारा। ऐसे में राजा भैया के साथ दिख कर अमित शाह एक बड़े वर्ग को साधने का प्रयास करते दिखेंगे। 2018 तक अखिलेश यादव के साथ थे
साल 2018 और फिर इस साल हुए राज्यसभा चुनावों में राजा भैया की पार्टी ने भाजपा के लिए वोट किया। पहले राजा भैया अखिलेश यादव के साथ हुआ करते थे। तब सपा और बसपा का गठबंधन था। मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव की सरकार में राजा भैया मंत्री भी रह चुके हैं। मायावती ने राजा भैया को जेल भिजवाया था
साल 2018 के राज्यसभा चुनाव को लेकर लखनऊ के होटल ताज में अखिलेश ने सभी विधायकों को डिनर दिया था। इसमें राजा भैया भी पहुंचे थे। उन्होंने सपा को समर्थन देने का वादा किया था। लेकिन अगले दिन उन्होंने और उनकी पार्टी के दूसरे विधायक ने भाजपा का समर्थन कर दिया। बसपा प्रत्याशी को वोट देने से मना कर दिया। राजा भैया ने कहा था कि मायावती के उम्मीदवार का समर्थन करना उसूलों के खिलाफ है। पिछले लोकसभा चुनाव में उतारे थे दो प्रत्याशी
6 बार निर्दलीय विधायक बनने वाले राजा भैया ने 30 नवंबर, 2018 को अपनी पार्टी जनसत्ता दल बनाई। 2019 के लोकसभा चुनाव में पहली बार जनसत्ता दल ने प्रतापगढ़ से अक्षय प्रताप सिंह और कौशांबी से शैलेंद्र कुमार को चुनाव मैदान में उतारा। लेकिन दोनों प्रत्याशी हार गए थे। पार्टी ने 2022 के विधानसभा चुनाव में भी 24 सीटों पर प्रत्याशी खड़े किए थे। इसमें राजा भैया समेत दो उम्मीदवार जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। ये भी पढ़ें: महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर सपा के झंडे लगाए मैनपुरी में महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर सपा के झंडे लगाने पर पुलिस ने 90 लोगों पर FIR दर्ज की है। आरोप है कि शनिवार शाम को अखिलेश यादव के रोड शो के बाद इन लोगों ने मूर्ति पर झंडे लगाए। हुड़दंग भी मचाया। इसकी सूचना मिलते ही भाजपाइयों ने हंगामा कर दिया। टैंकर मंगवाकर प्रतिमा को धोया और धरने पर बैठ गए…(पूरी खबर पढ़ें) म्यूचुअल फंड से शेयर मार्केट में शिफ्ट हुए राहुल गांधी राहुल गांधी 20 करोड़ 39 लाख की संपत्ति के मालिक हैं। इनकम का बड़ा सोर्स शेयर मार्केट और म्यूचुअल फंड हैं। इनमें कुल सवा 8 करोड़ का इन्वेस्टमेंट है। उनकी सोर्स ऑफ इनकम में इस बार बड़ा बदलाव इन्वेस्टमेंट में देखने को मिला। राहुल म्यूचुअल फंड से स्टॉक मार्केट की तरफ शिफ्ट हुए हैं। उन्होंने म्यूचुअल फंड में इन्वेस्टमेंट घटाकर, पैसा शेयर मार्केट में डाला…(पूरी खबर पढ़ें)