हर किसी के पास यात्राओं के कुछ सीक्रेट्स होते हैं। मुझे यकीन है, आपके पास भी होंगे। चूंकि मैं इस शनिवार को अपने उस पेशे में 40 साल पूरे कर रहा हूं, जिसके कारण मुझे हर महीने लगभग 15 दिन यात्रा करनी पड़ती है, इसलिए मैंने कुछ ऐसे सीक्रेट्स इकट्ठा किए हैं, जो मेरी यात्राओं को दूसरे कई लोगों की तुलना में आसान बनाते हैं। इसलिए मैं खुद को उन लोगों की तुलना में थोड़ा अधिक योग्य मानता हूं, जो किसी खास अवसर पर ही यात्रा कर पाते हैं। सर्दियां करीब आने के साथ ही आप में से कई लोग हर वीकेंड बाहर जाने के लिए इस आदर्श मौसम का मजा लेने की योजना बना रहे होंगे। अगले चार महीनों के लिए यहां मैं अपने शीर्ष पांच ट्रैवल हैक्स बता रहा हूं, जिनका आप उपयोग कर सकते हैं : 1. मेरे पास कम से कम तीन डुप्लीकेट टॉयलेटरीज़ किट हैं, जिनमें सभी चीजें होती हैं। ताकि कभी खाली टूथपेस्ट ट्यूब, हेयर ऑइल पाउच न देखना पड़े और कभी-कभी दवाओं से भी वंचित न रहना पड़े। जब मैं घर पर होता हूं तो मैं तीनों किट्स भर लेता हूं। तीन में से एक टॉयलेटरी किट अंतरराष्ट्रीय यात्राओं के लिए है, जिसमें मेरे वैध पासपोर्ट, क्रेडिट कार्ड की फोटोकॉपी और आपातकालीन नंबर के साथ मेरा आईडी है, ताकि किसी अनजान जगह पर सामान खो जाने या जेब कटने की स्थिति में मेरी मदद की जा सके। 2. मैं हमेशा अपने बैग्स व्यवस्थित रखता हूं। मेरे पास हमेशा अंडरगारमेंट्स, रूमाल और मोजे के रोल होते हैं। मोजे हमेशा रोल के ऊपर होते हैं, क्योंकि उन्हें मेरे पैंट से मैच करना होता है। मैं रोज सुबह एक रोल निकालता हूं और जब इस्तेमाल हो जाता है तो उन्हें फिर से रोल करके रख देता हूं। इससे सूटकेस में कोई अव्यवस्था नहीं रहती। मैं हमेशा दो रंगों वाला एक बेल्ट भी रखता हूं, जो भूरे और काले रंग की पैंट के साथ मेल खाता हो। 3. हर यात्रा के बाद सामान खोलते समय मैं खुद से पूछता हूं कि मैंने क्या-क्या अतिरिक्त ले लिया और सूटकेस में ऐसा क्या-क्या रह गया, जो इस्तेमाल नहीं हो पाया है। साथ ही, मैंने दुकान से क्या-क्या महंगा खरीदा, जो कि मैं घर से ही ले जा सकता था। पांच मिनट के इस अभ्यास से मेरा बैग हल्का हो जाता है और खर्च भी कम होता है। मैंने अपने पर्स को छुए बिना ही कई आधिकारिक यात्राएं पूरी की हैं। 4. जब मैं परिवार के साथ यात्राएं करता हूं तो हमारा सिद्धांत होता है कि कम से कम एक दिन अतिरिक्त निकालें, जिसमें कुछ भी नहीं करना हो। ये एक दिन हमेशा काम आते हैं, जब हम कुछ ऐसी अनजान जगहों को देखते हैं, जिनकी हमने योजना नहीं बनाई थी। मिसाल के तौर पर जैसलमेर की यात्रा में हमने पाकिस्तान की सीमा का दौरा किया, जहां ‘बॉर्डर’ फिल्म की शूटिंग हुई थी! जब भी मेरी बेटी मेरे साथ जाती है, तो मैं कभी भी छपे नक्शे के बिना यात्रा नहीं करता। मैं गर्व से कह सकता हूं कि उसने भूगोल इसी अभ्यास से सीखा। गूगल मैप कभी भी उसका ध्यान उस तरह नहीं खींच पाया, जैसा छपे नक्शे खींच पाए। खास तौर पर किसी नई जगह पर कार में यात्रा करते समय परिवार में इस पर सहमति होती है कि हम मोबाइल को हाथ नहीं लगाएंगे और सीट पर बैठकर शहर को अपने पीछे छूटते देखने का आनंद लेंगे। इस आदत ने उन छुट्टियों को ‘पैसा वसूल’ बना दिया है। 5. अगर आप किसी दूसरी जगह के लिए कनेक्टिंग फ्लाइट ले रहे हैं, वो भी परिवार के साथ जिसमें बच्चे भी हैं, तो सबसे पहले टिकट उसी एयरलाइन से बुक करें, भले ही थोड़ी महंगी हो। इससे एयरलाइन की जिम्मेदारी बन जाती है कि वह देरी के बावजूद आपको कनेक्टिंग फ्लाइट पकड़वाए। अगर ऐसा विकल्प नहीं है, तो दो फ्लाइट या ट्रेनों के बीच अच्छा-खासा अंतर रखें क्योंकि जैसे-जैसे दिसंबर करीब आता है, ट्रेनें फ्लाइट से ज्यादा लेट होने लगती हैं। इसके अलावा अतिरिक्त समय आपको ‘बीयूडब्ल्यूए’ का अनुभव करने के लिए पर्याप्त समय देता है, यानी : ब्यूटी, यूनीकनेस, वाइल्डरनेस एंड एडवेंचर। फंडा यह है कि छुट्टियों की सैर मौज-मस्ती के लिए होती है, तकलीफ या तनाव सहने के लिए नहीं। अपनी यात्राओं को मजेदार बनाने के लिए आपके द्वारा देखे, पढ़े और अनुभव किए गए हर हैक्स का इस्तेमाल करें, तभी आप ‘बीयूडब्ल्यूए’ का मजा ले सकेंगे!

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