अलीगढ़ के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के जमालपुर में रहने वाली एक 10वीं की 14 वर्षीय छात्रा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वह पढ़ाई के कारण पिछले काफी समय से तनाव में चल रही थी और पिछले कुछ दिनों से सभी से कटी-कटी रह रही थी। उसने अपने कमरे में ही फांसी लगा ली। जब परिजनों को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने कमरे का दरवाजा तोड़कर शव को बाहर निकाला और उसे लेकर जेएन मेडिकल कालेज पहुंचे। लेकिन शुक्रवार को डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद परिवार के लोगों ने उसे सुपुर्द-ए-खाक कर दिया है। एएमयू में कार्यरत हैं छात्रा के पिता अलीगढ़ के सिविल लाइंस क्षेत्र जमालपुर निवासी मृतका के पिता एएमयू में कर्मचारी हैं और सेक्शन ऑफीसर के पद पर कार्यरत हैं। उनकी बेटी रामघाट रोड स्थित अवर लेडी फातिमा (OLF) स्कूल की छात्रा है और इसी साल 9वीं कक्षा उत्तीर्ण करके 10वीं में आई थी। परिजनों ने बताया कि वह पढ़ाई में थोड़ी सी कमजोर थी, जिसके कारण स्कूल में उसे घर पर रहकर ही पढ़ाई करने को कह दिया गया था। बीते दिनों वह क्लास में किसी सहपाठी से बात कर रही थी तो उसे प्रधानाचार्या ने डांटा था और स्कूल से निकालने की बात भी कह दी थी। इसके बाद से ही वह तनाव में थी। जब माता-पिता को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने भी छात्रा को थोड़ा सा डांट दिया था और पढ़ाई करने के लिए कहा था। इसके बाद गुरुवार रात को वह अपने कमरे में थी और अंदर से दरवाजा बंद कर लिया था। शुक्रवार को जब वह दोपहर तक बाहर नहीं आई तो परिजनों को संदेह हुआ। खिड़की से झांकने पर पता चला कि उसने फांसी लगा ली है। बिना पोस्टमार्टम कराए शव ले गए परिजन जेएन मेडिकल कालेज में छात्रा की मौत के बाद परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया। घटना की जानकारी मिलने पर सिविल लाइंस पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। जिसके बाद परिजनों ने लिखित रूप से पुलिस को पोस्टमार्टम न कराने की गुजारिश की। सिविल लाइंस थाना प्रभारी राजीव कुमार ने बताया कि परिजनों ने लिखित रूप से पोस्टमार्टम न कराने की मांग की। जिसके बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है। अगर शिकायत आएगी तो मामले की जांच करके कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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