अक्षय तृतीया पर 23 साल बाद न तो शहनाई गूंजेगी और ना ही कोई मांगलिक कार्य होंगे। अबूझ मुहूर्त होने के बाद भी शुक्र और गुरु के अस्त होने के कारण सभी मांगलिक कार्यों पर विराम लगा हुआ है।अक्षय तृतीया पर 23 साल बाद न तो शहनाई गूंजेगी और ना ही कोई मांगलिक कार्य होंगे। अबूझ मुहूर्त होने के बाद भी शुक्र और गुरु के अस्त होने के कारण सभी मांगलिक कार्यों पर विराम लगा हुआ है।