भाजपा 2014 जैसी कामयाबी के लिए बंटेंगे तो कटेंगे, एक रहोगे तो सुरक्षित रहोगे के नारे पर टिकी है। वहीं, कांग्रेस और महाविकास आघाड़ी संविधान बचाओ के नारे और जातिगत समीकरणों के सहारे चुनावी रण में उतरी है।

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